Thursday, 27 December 2012

मेरा प्यारा दोस्त “चन्दन”


मेरा प्यारा दोस्त “चन्दन” 

घर वालो से रहता हे तू दूर 
पर क्या करे तू भी हे मजबूर 
कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता हे ,
ये तू ही समझ  सकता हे 
फेसबुक का तू भी हे दीवाना ,
कर रहा हे तू एक अच्छा काम ,
कन्या को दिला रहा हे अपना मुकाम ,
कन्या भ्रूण हत्या पर उठाई हे तूने आवाज ,
इस मे हम भी हे तेरे साथ ,
तुझे नहीं रहता हे अपनी भावनाओ पर काबू ,
और तेरे भी निकल आते हे आसू ,
और क्या कहू में तेरे बारे में यार ,
तेरा भी बने अपना एक मुकाम ,
जिस से हो माता - पिता को तुझ पर नाज, 
जिस के लिए कर रहा हे तू मेहनत आज ,
पुरे हो तेरे भी सपने ,
और याद रहे हम भी हे तेरे अपने ,
इस नाचीज को भूल न जाना ,
याद कर के एक फ़ोन तो गुमाना ,

************* लेखक : - राहुल  कुमार  पालीवाल   

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