Saturday 28 December 2013

Esa Kyo Banaya Tumne (ऐसा क्यों बनाया तुमने) POEM No. 147 (Chandan Rathore)


POEM NO. 147
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ऐसा क्यों बनाया तुमने 
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तुम्हारी आँखों में नमी थी आज भी 
पर अधिकार ना जताया था तुमने 
देख कर मुझे दुखी तो हो तुम भी 
फिर बोलो मुझे ऐसा  क्यों  बनाया तुमने 

चला गया ना मै तुम्हारे जीवन से 
पर गया नही हूँ आज भी दूर तुम से 
अरे!!! देखता तो आज भी नही तुमको 
आज भी तुम्हारी याद जाती नही दिल से 

देख कर तुम्हारी शरारतें  दिल सहम सा जाता है 
मै ठहर जाता हूँ तुम पे और वक्त कही खो जाता है  
जहर पिलादो पर ये रोज का दर्द नही सहा जाता है 
विचारों का अंत नही होता और मेरे ख्वाबों का अंत हो जाता है 

भुलाना चाहा पर तू हर बार याद आ जाता है 
बात ना करता हूँ तुझसे पर तू ख्वाब में आ जाता है 
ख़त्म हो  गया राठौड़ अब तो देख रही हो तुम भी 
दिन कट जाता है हँसते हँसते, कट रही राते रोते रोते 

दुखी ना होना ये पढ़ कर 
पर जो दिया बस तुमने ही दिया 
बोलो क्यों ऐसा बनाया तुमने 
बोलो क्यों ऐसा बनाया तुमने



आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

12:48 AM 11/09/2013

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Tuesday 24 December 2013

Kab Kahogi ( कब कहोगी . . . ) POEM No. 146 (Chandan Rathore)


POEM No. 146
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कब कहोगी  . . . 
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मन गडत ये कहानी होगी 
मिलने कि मेरी वो चाहत होगी 
मै तुझे देख कर रो पडू
ऐसी भी कोई मिलने कि घडी होगी

"मुझे भी प्यार है  तुम से" काश !!!!
एक बार तुम कभी प्यार से कहोगी 
तुझे देख ये रात, दिन बन जायें 
ऐसी रात इस जन्म में जाने कब होगी 

दुःखों के सायें में बैठा रहता हूँ 
जाने कब यहाँ प्यार कि धुप खिलेंगी 
हर विचार में ,हर अधिकार में हो तुम 
"मै हूँ तुम्हारी बस" इतना सा कब कहोगी 

सहा  ना जाता है पगली अब 
हर दर्द का दर्द आग सा लगता है
तुम्हें देख अब संभला जाता नही 
"तुम ठीक तो हो ना ?" ऐसा कब पूछोगी 


आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

12:34 AM 11/09/2013

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Sunday 22 December 2013

Kya Likhu ( क्या लिखु ) POEM No. 145 (Chandan Rathore)


POEM NO. 145
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क्या लिखु 
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 तड़पते हुए ख्वाब क्या लिखु
बिछड़े हुए जज्बात क्या लिखु 
बिना पगडण्डी कि है जिंदगी मेरी 
बस गुमनाम राह क्या लिखु 

सोचता रहता हूँ हर पल 
पर इन कोमल कागज पर, सुखे अल्फाज क्या लिखु 
बहकता भटकता फिरता हूँ मंजिल पाने को  
पर अपना दर्दे दीदार कहा लिखु 

ना ख़ामोशी रहती है ना होता शोरगुल
खण्डर  सा  दिल मेरा उसकी हर दिवार पे क्या लिखु 
आंशुओ से नाता है पुराना शायद 
पर सूखे आंशुओं से क्या क्या लिखु 

दर्द बहुत होता है अब तो 
बंद जिवा से क्या लिखु 
मर गये विचार सारे  मेरे 
अब सहे हुए अत्याचार क्या लिखु 

"लेखक कि पूँजी लेखनी है
है कितना दर्द उसमे अब परखनी है
खामोश हो जाएगा लेखक जब 
लेखक कि फ़तेह उसे ही देखनी है"


आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

12:05am, Fri 06-09-2013

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Thursday 19 December 2013

Kesa Gam Diya Tune (कैसा गम दिया तूने) POEM No. 144 (Chandan Rathore)


POEM NO. 144
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 कैसा गम दिया तूने 
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कैसे किया रुसवा तूने 
ये कैसा गम दिया तूने 
हँसता भी हूँ तो  आंशु निकल आते है 
ये कैसा जख्म दिया तूने 

तेरा नाम कभी जब आता है 
मेरा सारा जहाँ शोक में डूब जाता है 
मै सोच में डूब जाता हूँ तेरी सोच में 
ये क्या किया तूने 

कितना भी व्यस्त क्यों ना हूँ मै  
तुम भुलायें नही भूले जाते 
तुम्हारी परछाई जब जहन में आती है 
मै थम सा जाता हूँ , मै थम सा जाता हूँ 
ये कैसा गम दिया तूने 

तुझसे दूर जब जाता हूँ 
बिन खोये मे खो जाता हूँ 
इन आंशुओ के मोती को 
कैसे बर्बाद करवा दिया तूने 
ये कैसा गम दिया तूने 



आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

8:16 AM 01/09/2013

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Saturday 14 December 2013

Ye Shaam kuch Kahti He (ये शाम कुछ कहती है) POEM No. 143 (Chandan Rathore)

POEM NO. 143
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ये शाम कुछ कहती है 
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ये शाम कुछ कहती है 
ये वादियाँ कुछ कहती है 
मै उसे कुछ कहता हूँ 
और वो कुछ और समझती  है 

ये हवायें किस और चलती है 
बिन धुँवा ये आग कैसी लगती है 
हर और कैसी ये वीरानी जब होती है 
जब साथ मेरे वो होती है 

अंगारों पे भी चल लिया 
हर गम उससे मेने छीन लिया 
अब खुदा उसे खुश रखना तुम 
जब साथ वो किसी के होती है 

बन परछाई मै चला था 
कर दी अलग परछाई उसने 
भूल कर जाती कहाँ , अपना दर्द तो ले जाओ 
मै अकेला कब तक जिऊँगा 
मेरे पास तो आजाओ 


आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

2:04 PM 23/11/2013

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Monday 9 December 2013

Dar Lagta He (डर लगता है) POEM No. 140 (Chandan Rathore)


Poem No. 140
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डर  लगता है
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हर शाम हर खिलती शुबह से डर  लगता है
आज मेरी परछाई से डर लगता है 

मै  घबरा जाता हूँ अपनी छवि देखकर
आज मुझे मेरी किश्मत से डर लगता है

हर कदम पे हताशा ही भरी मेरे जीवन में 
आज जीने से डर  लगता है 

क्यों मुझे सताते हो खुदा ! मै कसूरवार हूँ
आज तेरे आगे सर झुकाने से डर लगता है 

एक दुहाई मै करता हूँ तुझसे कि सब को खुश रखना
आज मेरे लिए कुछ मांगने से डर लगता है 

आज मांगना मौत आसान है मेरे लिए
पर मुझे जीने से डर लगता है
मुझे जीने से डर लगता है



आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

08:42am, Wed 21-08-2013

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Thursday 5 December 2013

Teri Yaad Dil Se Jaati Nhi (तेरी याद दिल से जाती नहीं ) POEM No. 139 (Chandan Rathore)


POEM No. 139
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तेरी याद दिल से जाती नहीं
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तेरी याद दिल से जाती नहीं
तू है इतनी बेरहम  कि आती नहीं
मेरे ख्यालों कि हर वादियों में तुम ही तो 
बस अब प्यार में नई किरण नजर आती नहीं

तू दिल को तोड़ शायद खुश होगा  
पर मेरी खेर-खबर किसी  ने  ली नहीं 
मुझे भूलना था तुझे 
पर तेरी याद है कि दिल से जाती नहीं

मेरे जिस्म कि हर रूह तुझे बुलाती है 
तू इतना खुदगर्ज है कि मुझे समझाती  नहीं 
तेरी याद दिल से जाती नहीं 

खामोशियों में बीत  जाते  है हर लम्हें मेरे 
सब है उजाले में रहते 
अँधेरे में किसी ने आवाज लगाई नहीं 
तेरी याद दिल से जाती नहीं



आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

11:14am, Wed 14-08-2013

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Monday 2 December 2013

Maa Kesi He Tu (माँ कैसी है तू ) POEM No. 138 (Chandan Rathore)


POEM NO. 138
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माँ कैसी है तू 
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माँ कैसी है तू ये तो बता 
मै  हूँ कमजोर बहुत 
अपने आगोश में छुपा

रोती मेरे दुःख देख 
सहम जाती मेरी लाचारी देख 
में हूँ नादान बहुत 
माँ कैसी है तू ये तो बता 

तेरी परछाई में रहना है मुझे 
तेरे से दूर ना कर मुझे 
फ़िक्र ना कर मेरी बस 
माँ कैसी है तू ये बता 

ठुकरा कर दुनिया आया हूँ तेरे पास 
बस अपना ले मुझे 
में नही हूँ किसी के काबिल बस 
सर पे हाथ रख दे मेरे 
माँ कैसी है तू ये तो बता 

दर-दर भटकता रहा सुकून पाने को 
बस अब नही है मेरे पास कुछ देने को 
माँ बोल ना इतनी चुप क्यों है 
मै पूछ रहा हूँ 
माँ कैसी है ये तो बता 

आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

 09:07am, Mon 12-08-2013

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Thursday 28 November 2013

Rakh Baajuo Me Dam (रख बाजुओं में दम) POEM no.137 (Chandan Rathore)

POEM NO. 137
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रख बाजुओं  में दम
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रख बाजुओं  में दम
तू नही किसी से कम 
बनो कर्मठ बनो कर्मठ 

सफ़र तेरा काम तेरा 
हम देंगे  साथ तेरा 
बस बनो कर्मठ 

काम तुम्हारा साथ तुम्हारा 
हिल मिल आगे बढ़ जायेंगे 
अभी भोर है अपनी कल का सूरज कहलायेंगे 
बस बनो कर्मठ बनो कर्मठ 

तेरा होसला होगा ना कम 
हर दम तेरे साथ रहेंगे हम 
बस बनो कर्मठ बनो कर्मठ 

लक्ष हो निगाहों में 
आगे बढ़ने का जूनून हो
एक बार ठान लिया तो पीछे ना हटना कभी 
ऐसा आज्ञाकारी तुम्हारा खून हो 
बस बनो कर्मठ बनो कर्मठ



 आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

10:49am, Wed 07-08-2013

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Saturday 23 November 2013

Thik Kiya Tune (ठीक किया तूने) Poem No. 136 (Chandan Rathore)


POEM NO. 136
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 ठीक किया तूने 
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छोड़ अकेला तू गई ठीक किया तूने 
तुझे  भुलाने में जो साथ दिया ठीक किया तूने 
बर्दाद हो जाता मै तेरे प्यार में 
मेरी जिंदगी से जाके ठीक किया तूने 

अकेला तो में पहले भी था आज भी हूँ 
कोई एतराज नही मुझे तेरे जाने से 
हां कभी सताती है यादें बहुत तेरी 
मै ना रोता कभी किसी के लिए रुला कर ठीक किया तूने 

याद है वो छोड़ी सी बात पे लड़ाई कर लेना 
मुझसे दूर जाकर मुझे पल पल सताना 
अब तो हॅसा भी नही जाता पता है 
में बर्बाद कहानी हूँ यूँ ठुकराकर ठीक किया तूने 

आँखे बार बार पूछती है तुम कहाँ हो 
लफ्जों से नाम नहीं जाता तुम्हारा हम क्या करें 
दिल चिल्ला चिल्ला कर कहता है तेरा प्यार नहीं मिला 
मै तो खोई हुई निशानी  हूँ यूँ भुला कर ठीक किया तूने 



 आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

8:31 AM 03/08/2013

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Friday 15 November 2013

Ek Parinda.... (एक परिंदा …… ) Poem No. 134 (Chandan Rathore)

POEM No.134
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      एक परिंदा …… 
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आजाद परिंदे के पर काटे इस दुनिया ने 
ख़ुशी बांटी उसने और उसे से गम बाते इस दुनिया ने 

उड़ाना ही तो चाहता था, शायद गलती कि थी उसने 
हर गलती में हिस्सा डाला इस दुनिया ने 

बेखोफ उड़ता था पहले, आज भीड़ में अकेला छोड़ा इस दुनिया ने 
मन मलंग था , होसलो से भरा था आज नाता थोड़ चला दुनिया से 

बेखबर था इस जहाँ से कि कितना खुदगर्ज हे जमाना  
ख्वाब  बुनता नई सोच रखता एक पल में कमजोर किया इस दुनिया ने 

इकरार-ए-मोहबत भी रखता था, अपनी आशिक़ी देख बहुत खुश होता था 
उस बेजुबान के सारे सपनो को ख़तम किया इस दुनिया ने 


 आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

8:42 AM 27/07/2013

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Saturday 9 November 2013

A STORY OF DEATH (मौत - ऐ- कहानी ) Poem No. 151 (Chandan Rathore)


POEM No. 151
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मौत - ऐ- कहानी PART 2
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मेरी चाहत में जब तुम होगी
मेरी आरजु बस तुम से ही होगी
आज रुला रही दुनिया मुझे
एक दिन मैं सौ रहा होऊंगा
और दुनिया रो रही होगी
ऐ मौत कब होगा मिलन
 |1|

खुश हूँ मैं  आज सौंप कर यें कहानी
बस याद करना अपने खुदा को
और पूछ लेना अपनी मौत-ऐ-कहानी
ऐ मौत कब होगा मिलन
|2|

कितने लोगों को ये हैं  सुनानी
होगी सफल यें या होगा यें सब पानी
भूल जाओंगे  एक दिन तुम राठौड़ को
भूला ना पाओंगे मौत-ऐ-कहानी
ऐ मौत कब होगा मिलन
 |3|

मौत-ऐ-कहानी एक फरियाद हैं
बैजूबा की तड़पती हुई आवाज हैं
ड़रे सहमे से लोगों की भीड़ हैं  बस यहाँ
इतनी जल्दी समझ में ना आनी
सत्  सत्  नमन मौत-ऐ-कहानी
|4|

उमंगों का सेलाब खत्म हुआ
मेरा सारा अरमान खत्म हुआ
अब बन्द  करो ऐ! खुदा, अपनी मनमानी
ख़त्म हो गई अब तो मौत-ऐ-कहानी
|5|


पूरा पढने के लिए इ-मेल करे - rathoreorg20@gmail.com

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IN ENGLISH
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A STORY OF DEATH PART 2

When you will in my love
My wish is just for you
Today world is crying to me
One day I will sleeping
And the world will be crying
Oh! My death when we meet?
|1|


I am glad to hand over this story to you
Just remember to my own god
And ask the story of death
Oh! My death when we meet?
|2|

It will tell to how many people
Will it be successful or will be in fail
One day you will forget the RATHORE
Do not be forgotten the story of death
Oh! My death when we meet?
|3|

A Story of death is complaint
It is the voice of the dumb
The crowd of scare people at here
It could not be understand so quickly
Thousand pray to A Story of death
|4|

My all wishes are over
My all desire is over
Now close it God own arbitrary
Now all is over a story of death
|5|


You Want Full Read Please Sent Me E-Mail - rathoreorg20@gmail.com

Video

FUll SOUND



 आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20) #astoryofdeath

10:39 AM, TUE 11-06-2013

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Thursday 17 October 2013

Uthoo Javano (उठो जवानों) Poem No. 133 (Chandan Rathore)


POEM No. 133
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उठो  जवानों
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उठो जवानों उठो जवानों
अभी आराम ना करना है 
देख रहे हो इस जहाँ  को (2)
इसको आगे बढ़ाना है (2)

वंचित है जो पाठशाला से  
उन्हें पाठशाला में लाना है 
जिनके घर में धान नही है (2)
उनको भोजन कराना है (2)

उठो जवानों उठो जवानों
अभी आराम ना करना है 
गावं गावं ढाणी ढाणी अब ये अलख जगायेंगे 
जागो मित्रो जागो मित्रों हम आगे बढ़ जायेंगे 

बाल शोषण में जो बच्चे है 
उन्हें इंसाफ दिलाना है 
कन्याभूर्ण हत्या का अंत हमें ही तो करवाना  है 
भूखे बेघर बच्चों को अपना आशियाना दिलाना है 
उठो जवानों उठो जवानों
अभी आराम ना करना है 

भूख प्यास की खबर नही
लोक लाझ की खबर नही
ऐसे  लोगों की क्या तारीफ , मुझे खबर नही
अरे ! दो चार अपवादों से से अब क्या डरना भिड़ना है
उठो जवानों उठो जवानों
अभी आराम क्या करना है
 
समाज सवार देश सवारों
बहुत काम है करने को
अब भी सोच रहे है प्यारे
क्या बचा है करने को

अरे ! सपने रखता हूँ मै
सपने तुम भी रखा करो
इन समाज की बातों से तुम ना अब डरा करो
आगे आओ देश के लिए नए सपने तुम बूना करो
उठो जवानों उठो जवानों
अभी आराम ना करना है


 आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

10:33am, Fri 26-07-2013

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Wednesday 2 October 2013

Bewakt Naa Aaya Kar (बेवक्त ना आया कर) POEM No. 132 (Chandan Rathore)


POEM No. 132
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बेवक्त ना आया कर 
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ऐ वक्त बेवक्त ना आया कर 
मेरे गमो पर यु  ना मुस्कुराया  कर 

मेरी मेहनत पे भरोसा है मुझको 
तू अपना रोप ना दिखाया कर 

जब थामना होता है तो तू चला जाता है 
जब जाना होता है तो बैठ जाता है जम कर 

खत्म कर दी जिन्दगी तुने 
निकल गया तू किस  धुन में 
हर दम  अपनी  टिक  टिक  से  
यु ना डराया कर 

ऐ वक्त बेवक्त ना आया कर 
मेरे गमो पे यु ना मुस्कुराया कर 

भूल  गया तू गम  यहाँ  रख   कर 
कब  आएगा इन्हें लेने 
ऐ वक्त इस भोली जान को इतना ना सताया कर 
ऐ वक्त बेवक्त ना आया कर 


 आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

02:19pm, Sun 21-07-2013

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Wednesday 25 September 2013

Baadal Aaaya (बादल आया) POEM NO. 131 (Chandan Rathore)


POEM NO. 131
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बादल आया 
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गुमड गुमड कर बादल आया 
भर पानी का कटोरा आया 

रिमझिम रिमझिम बिरखा आई 
जैसे कई खुशिया संग लाई

देखो  रे नंदू देखो रे चंदू 
कितनी प्यारी है बरखा रानी 

ठंडा ठंडा पानी आया 
संग इसके सुनहरा मोसम लाया 

देख  पानी की बूंदों  को 
देखो में कितना मुश्कुराया 

गुमड गुमड कर बादल आया 
गुमड गुमड कर बादल आया 



 आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

01:00 am, Thu 11-07-2013

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Thursday 19 September 2013

Moan Shabd Mere (मौन शब्द मेरे ) POEM NO. 130 (Chandan Rathore)


POEM 130
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मौन शब्द  मेरे 
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चल पड़े रास्ते  जब मेरा मुकाम आया 
निकल गया वो काला बादल 
जो हवाओं  के  साथ  आया 
ख़त्म  हुआ  खुशियों  का  मॉसम  
आज   जब उनसे  हुआ सामना  तो 
गुजरा  जमाना  याद  आया 

खामोश  वादियों में गुंजा  करती  थी  बातें मेरी   
आज उन बातों को हर किसी ने दबाया 
मै नहीं  तो मेरा जहाँ  नहीं 
ना मेरा ना मेरी बातों का कोई अब तक ठिकाना आया 

उमड़ गुमड कर आते वो 
ना वो  मेरी, ना बचा मेरा साया 
ऐ ! दुनिया रखले नजर मुझ पर कितनी 
अगर  बच  गया तो तेरा   
नही तो आखिर खुदा ने मुझे बुलाया 

"ना अस्त्रों ना शस्त्रों से 
लड़ाई  होगी  तो बस  शब्दों  से  
एक  वो ही  जो कुछ   कहते नहीं  
जिन्हें लिख लिख खूब आसूं बहाया
जिन्हें लिख लिख खूब आसूं बहाया"


 आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

01:40am, Sun 21-07-2013

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Thursday 12 September 2013

Uth Jaa Naa Ab Too.. (उठ जा ना अब तो . . ) POEM NO. 129 (Chandan Rathore)


POEM No.129
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उठ जा ना अब तो  .  .
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मन  में बस तू छाई रही
दिल में बस तू समाई  रही
हो गया मदहोश तेरी यादों में
बस अब क्यों अनजान होय रही

पुकारता  रहता हूँ तुझे
हर गम को बांटता  हूँ  तुझसे
आजा ना वापस  मेरे जीवन में
ऐ ! तू आज भी क्यों है सोई रही

देख मै मिलने आया तुझसे
कसम से अब ना सताऊंगा  तुझे
उठ जरा देखले मै तेरा चार्ली
आज खडा हूँ तेरी कब्र पे
देख मेरी आँखे  रोई  रही

मै कमजोर मै पापी
पर तेरी दोस्ती का मै अभिलाषी
मुझे बनाने वाली आज खुद ख़त्म होगी
ऐ ! खुदा ये कौन सी गाड़ी दिखा दी

मेने तेरी कदर ना जानी
माना मै हूँ  अभिमानी
मज़बूरी मेरी भी कुछ  होगी
समझ ना  उठ जा
वरना ख़त्म कर देनी ये जिंदगानी


आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

12:25am, Sat 20-07-2013

_▂▃▅▇█▓▒░ Chandan Rathore (Official) ░▒▓█▇▅▃▂_

Saturday 7 September 2013

Lekhak Ek Vichar (लेखक एक विचार...) Poem No. 128 (Chandan Rathore)


POEM No. 128
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लेखक एक विचार...
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लेखक एक पत्थर
लेखक एक हीरा
लेखनी है हथियार
और अँधेरा उसका बसेरा

लेखनी उठा मुस्कुरा  रहा
कागज देख सर्मा रहा
लिख लिख देखों  कैसे इठला रहा
अपनी कविता लिख देखों सबको है सुना रहा

लेखक एक विचार
लेखनी  उसका विस्तार
लिखना उसकी शक्ति
शब्द उसके हुकार

बोल पड़े तो बोल पड़े
ना  बोले तो शब्द खड़े
सुन लेखनी की वाणी
कैसे शब्द उसके आपस में जुड़े

सूना रहा हूँ लेखक की कहानी
सुन लो मेरे यारों  शब्द है दुर्लब बड़े
विचारों में देख लेखक को सब बोले
"लेखक तो है शांत बड़े"

आपका शुभचिंतक
लेखक -  राठौड़ साब "वैराग्य" 

12:42am, Sat 20-07-2013
(#Rathoreorg20)
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Friday 6 September 2013

Akelapan (अकेलापन) Poem No. 127 (Chandan Rathore)


POEM No. 127
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अकेलापन
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अकेलेपन में जो मजा है
वो महफ़िलों और मह्काशों  में कहा
यहाँ जो भी है वो मुझे समझते है
मेरे साथ अकेले होते है

इन गूंजती हुई आवाजों में  एक मस्त तराना आता है
जब सिसक सिसक के रोता हूँ तो नाम आप का आता है
विरान हो गये सारे सपने मेरे
बस उन्हें देख देख दिल रो जाता है

जिधर देखूँ  उधर तुम नजर आती हो
पास जो आता हूँ तो गुम  कही हो जाती हो
आवाज लगाता हूँ  तो दूर बहुत चली जाती हो
मेरी तकलीफें  देख तुम क्या खूब मुस्कुराती हो

लेकर सारे सपनें मैं  महफ़िलों  में जाया करता हूँ
मैं  उन महफ़िलों में भी खुद को अकेला पाता हूँ
इसलिए मै अकेला रहता हूँ
बस
मै अकेला रहता हूँ

आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

10:35am, Thu 11-07-2013

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Wednesday 4 September 2013

Aanshu (आँशु) Poem No. 126 (Chandan Rathore)


POEM No. 126
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आँशु
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मेरे आँशु मेरे साथी है 
हर वक्त मेरा साथ देते है 
तड़प कर निकल आते है 
जब ये दुनिया वाले मेरे दिल को दर्द देते है

दुसरो  की ख़ुशी हो या थोड़ी सी मेरी ख़ुशी 
मेरे आंसू हर पल ख़ुशी मनाते है 
किसी का दुःख हो अपने ढेरो गम 
वो बिखर बिखर के  साथ निभाते है 

आंसुओ ने ही अब तक संभाला मुझे 
बिन आँशु जीवन कट  ना पाता ये 
आशुओ  के बादल जब मंडराते  है 
मै  टूट के गिर जाता हूँ जब ये आते है 

ऐ !  आँशु  साथ निभाना मेरा 
जब तक हो खुशियों को बसेरा 
दूर हो जाना गम के आते ही 
ढूंड लेना तू नया बसेरा 


आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

8:35am, Thu 11-07-2013

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Tuesday 3 September 2013

Kuch Nhi Paya Hamne (कुछ नहीं पाया हमने) Poem No. 125 (Chandan Rathore)


Poem No. 125
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कुछ नहीं पाया हमने
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हर  पत्थर को देखा हमने
हर नजर को परखा हमने
धुल गई खुशिया फिर भी आन्शुओ में
ऐसा  दुःख भी देखा हमने

कलम चलती रहती कागज भिगता  रहता
बारिश होती प्यार की हर तरफ फिर भी मै सुखा रहता
कई कांटे बिछाये दुनिया ने हमारे  लिए
फिर भी हर कदम पे फुल रखा हमने

मदमस्त जिन्दगी लेती रही इन्तिहाँ
ना चाहते हुए भी ख़त्म हो गया इन्सान
ऐ ! रौशनी जरा इधर तो आ मुझे जरुरत है  तेरी
बीती जिन्दगी में गंगोर अँधेरा देखा हमने

सांसे कहती मै सुनता ऐसा सन्नाटा होता था
दिन संभालता राते रोती साथ मै मेरे
बिछड़  जाता मै खुद से सोच सोच कर
फिर भी कुछ नहीं पाया हमने 


आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

02:35pm, Sun 07-07-2013

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Sunday 1 September 2013

Ye Pyar Me Kyo Hota He (ये प्यार में क्यों होता है ) Poem No. 124 (Chandan Rathore)


Poem No. 124
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ये प्यार में क्यों होता है 
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थोड़ी सी ख़ुशी और ढेरों गम 
थोड़ी सी मिठास फिर बची चिविन्गम  

हंसी  ख़ुशी  फिर वो जुदाई का आलम 
हम अकेले और खुश  हमारी बेगम 

तोड़ दिए हमारे सपने और भूल गया हमारा सनम  
दु:ख के आलम में बाकि बचे अकेले हम 

कैसा ये खाली खाली ये समां 
बुझा दी उन्होंने हँसते हँसते हमारी समां 

खामोश ना रहो अब हमसे 
ये बता दो ये प्यार में क्यों होता है 
ये प्यार में क्यों होता है 


आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

12:52 PM 07/07/2013

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Wednesday 28 August 2013

Bhaktiras Pyasi (भक्तिरस प्यासी) Poem No. 123 (Chandan Rathore)


Poem No.123
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भक्तिरस प्यासी 
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एक टक निहार  रही  प्यासी 
तुझे पाने को आतुर है प्यासी 

वस्त्रो का ध्यान नहीं उसे 
जैसे हो बहुत बड़ी सन्यासी 

कांटो को ना देख रही
ना देख रही राह के पत्थर 
एक टक लगाया दौड़ पड़ी प्यासी 

चल पड़ी मीलों मगर 
कही ख़त्म होता दिखता नहीं  सफ़र 
बस मुरली की धुन पे दौड़ी  जा रही प्यासी 

ऐ ! मुरली मनोहर कहा हैं 
ऐ ! मुरली मनोहर कहा हैं 
ये जोर जोर से चिल्लाती 
जैसे कोई मछली जल की हो प्यासी  


रो रो कर हाल बुरा बना डाला
गिर-पड़ कर सारा बदन छिला डाला 
फिर भी आश कम  नहीं  है 
हाथ उठाये आज भी भुला रही प्यासी 

गोपियों के संग रास रचाता 
मंद मंद मुस्कुराता मेरा मोहना
एक दिन उसके संग भी नाचेगा 
इसी आश में अब तक नाच रही प्यासी 

"जय श्री कृष्णा"
"राधे राधे" 


आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

01:52am, Sun 21-07-2013

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Tuesday 27 August 2013

Robo ''ROBOT'' ( रोबो (रोबोट)) Poem No. 122 (Chandan Rathore)


Poem No. 122
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 रोबो (रोबोट)
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एक कल्पना
एक यातना

एक परछाई
सागर की गहराई

एक सुन्दर स्वप्न
बिता हुआ बचपन

एक प्यारी सी लहर
जेसे बाड़ का कहर

सुबह की नई उमंग
आगे बढ़ने की तरंग

एक नया अहसास
एक अटूट विश्वास

खिल खिलाती हँसी
आवाज मधु के जैसी

ख्वाबों का सेलाब
बनता हुआ ख्वाब

मेरी वो  मन्नत
एक सुन्दर जन्नत

एक कहानी
एक निशानी

एक सोच
एक सच

एक मन-मोहिनी
एक दिवानी

ठंडी ठंडी पुरवाई
कैसे खुदा ने बनाई

एक याद
एक फ़रियाद

एक अति
एक गति

एक सारांश
एक निष्कर्ष

ऐसा है मेरा रोबो . . . 

Do u know?
:C' '

आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

12:29am, Fri 05-07-2013

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Saturday 24 August 2013

Dil Bhar Aaya Hoga (दिल भर आया होगा ) POEM No. 121 (Chandan Rathore)


Poem No.121
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दिल भर आया होगा
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थाम कर ऊँगली जिसे चलाया होगा
आज जब दिखाई उसने ऊँगली तो दिल भर आया होगा

खुद जोकर बन जिसे जोर जोर से हँसाया होगा
आज जब उसने रुलाया तो उनका दिल भर आया होगा

बचपन से जिसे पलकों पे बिठाया होगा
आज उन बचपन की यादो ने क्या खूब रुलाया होगा

जिसके पैरों में फुल बिछे रहते हर पल
आज जब उसने शब्दों का बाण चलाया तो दिल भर आया होगा

कंधे पे बिठा कर जिसे पूरा जहाँ दिखाया होगा
आज खुद को अकेला पाकर
उनका दिल भर आया होगा

हर मुश्किलों को खुद सहन कर उसे  मंजिल तक पहुँचाया  होगा
ऐ !  खुदा आज उसकी कामियाबी ने उनको क्या खूब रुलाया होगा

जिसने उसे बोलना सिखाया होगा
जिसने उसे रोते हुए हँसाया होगा
आज जब बोला  वो अश्कों  की बारिश हो रही थी
आज फिर बिन मोसम सावन आया होगा
आज फिर बिन मोसम सावन आया होगा



आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

10:43pm, Sun 30-06-2013

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Thursday 22 August 2013

Ase Jao naa tum (ऐसे जाओ ना तुम) POEM No. 120 (Chandan Rathore)


Poem No.120
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ऐसे जाओ  ना तुम 
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अभी जाओ ना तुम
इतना सताओ ना तुम  
हिम्मत रखो और बढ़ो 
साथ को अधुरा छोड़ो ना तुम 

मुझे हँसाते थे तुम 
मेरे हर  दुःख  का   हिस्सा बन जाते  तुम 
आज कैसी ये जुदाई दे  रहे  हो  तुम 
बीच राह में  ऐसे छोड़ो ना तुम 

तुम तो थे हमदम मेरे
कितनी  उब्लाब्दियाँ  थी  तुमसे 
कोन रखेगा  ख्याल  मेरा 
अब  ऐसे  रुलाओ ना तुम 

ख्यालों  में तुम्हारे  हर  दम  में था  
फिर  कैसी ये जुदाई को अपना रहे हो तुम 
मै अकेला ना जी पाऊंगा इस जहाँ  में  
छोड़ कर जालीम दुनिया के भरोसे 
ऐसे जाओ ना तुम 


आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

12:49 AM 28/06/2013

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Wednesday 21 August 2013

Dil Ki Berukhi (दिल की बेरुखी ) Poem No. 119 (Chandan Rathore)


POEM No. 119
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दिल की बेरुखी
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दिल की जुबान कोई समझा नहीं
दिल से दिल किसी ने लगाया नहीं

हर बार धोखा खाते हैं हम दिल से
हर मौड़  पे दिल साथ देता नहीं

हर राह मिलाता हर जगह दिल लगाता
ऐ दिल संभल अब तो तू नहीं तो मैं नहीं

दिलों  के मेहखानों में हमदर्द कम हैं
हर दर्द की आँखे भी देखों  नम हैं

हर काफिलें तुझसे हैं चलते
तुझ पे ख़त्म होने को
सब दिल से बेगर हैं हो जाते, जो दिल को समझते नहीं

आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

01:25am, Fri 28-06-2013

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Thursday 15 August 2013

Jaaogi Naa Ek Din (जाओंगी ना एक दिन) Poem No. 117 (Chandan Rathore)



POEM No. 117
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जाओंगी ना एक दिन
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तेरे ख्यालों की जुगल  बंदी में
तेरे अल्फाजों की बंदिशों  में
शुरूवात-ऐ-मोहोब्बत जब खत्म हुई
जब मेरी जगह नहीं  थी तुम्हारे दिल में

तुम जाओंगे ना एक दिन
तुम मुझे भुलोंगे  ना एक दिन
मै  कैसे पुकारूँगा तुम्हें
जब मेरे दिल को चीरते हुए निकल जाओंगे  ना एक दिन

अपने प्यार का रंग चढ़ा  हैं
खाली मुझ पे वो चढ़ा हैं
खाली सी होली खाली सी दिवाली हैं
तेरे बिना अब कैसी  मेरी जिंदगानी हैं

लग जायेंगी  सावन की जड़ीयां    
गिर जायेंगे पेड़ों  से सारे पत्ते
जब तुम मुझेसे बिछड़ जाओंगे
तुम बहुत पछताओंगे जब मुझे
मौत के घाट   तुम उतार दोगीं   

क्यों एक दिन जलाओंगे ना मुझे 

आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

02:29pm, Mon 17-06-2013

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Tuesday 13 August 2013

23 Janam-Divas (23 जन्म-दिवस) Poem No. 116 (Chandan Rathore)


POEM NO. 116
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23 जन्म-दिवस 
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बधाईया भी कोई खास नही
आज नया कोई ऊलास  नही 
कट रही शांत ये जिन्दगी 
उसमे कोई नई बात नही 

चुप हूँ आज कोई नई तमन्ना नही 
ख्याल बहुत है पर कोई अरमान नही
गुमनाम हो रही जिन्दगी मेरी 
नई उमंगो का कोई उसमे सेलाब नही 

पानी की तरह बह रही है जिन्दगी 
पर उसमे कोई उबाल नही  
अकेला नही हूँ पर महशुस करता हूँ  अकेला
दोस्तों की भीड़ है बहुत पर उसमे कोई साथी नही

बेइन्तिहा महोबत थी दुनिया वालों से  
आज लोगों की भीड़ से वो प्यार नहीं
अकेला रहना चाहता हूँ मै
अब तुमसे कोई एतबार नहीं  


आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

08:44am, Thu 13-06-2013

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Friday 9 August 2013

Jab Tak He Jaan Part 2 (जब तक है जान भाग २) Poem No. 113 (Chandan Rathore)


POEM No. 113
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जब तक है जान भाग २
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लहर लहर लहरे पानी की वो लहरे 
वो पानी की गहराई दोस्तों की दोस्ती के वो किस्से 
वो यो यो का माहोल वो हँसी ख़ुशी के ठहाके 
कभी भुला ना पायेगे हम 
जब तक है जान जब तक है जान    

वो उनका पानी से प्रेम 
वो नहाने की उमंग
वो ट्यूब को डूबना
वो एक दूसरे को पानी के बीच में छोड़ के आना 
हमेशा हँसते रहना 
जब तक है जान जब तक है जान    

वो दो सूखे  पेड़ो  की वादी
वो दूर तक पानी की रवानी 
वो सड़ी-गली डिस्पोजल का देना 
वो एक दूसरे पर पानी का फेकना 
वो पल कभी ना भुलूंगा मै
जब तक है जान जब तक है जान

वो पहाडियों की वादियाँ 
उनमे वो अकेले अकेले बाइक का चढ़ाना   
वो ट्यूब  के साथ मस्ती 
हमेशा याद रखूँगा मै 
जब तक है जान जब तक है जान


आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

9:35 AM 06/07/2013

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Tuesday 30 July 2013

Tera Pyar (तेरा प्यार) POEM No. 112 (Chandan Rathore)


Poem No. 112
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तेरा प्यार
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तेरे ख्वाबो के जरोखो में
हम खुद को निहारना भूल गये
तेरे परछाई को पाने के लिए अपनी  परछाई को भूल गये
तेरे ख्वाबो को पूरा करने में अपने ख्वाब कहा छुट गये

साथ था साथी सा
टूट गया एक पल में
भरोसा था खुले आसमान सा
कहा अँधेरा हो गया एक पल में

तेरी बातो में बस तुझे
और तेरे गमो में बस मुझे
देख देख कर जीता हूँ
तेरी छोटी सी बात को भी
में बड़ी सिद्दत्त  से  संजोता  हूँ

कुछ छुपाया तुझसे  तो वो मेरा जीवन था
सब बोल कर तुमने मेरा जीवन छीन लिया

ओए ! रोबो केसी ये प्यार की कशिश  तुम्हारी
अब केसे मिल पायेगी हंसी तुम्हारी

तुम्हे विश्वास  है मुझ पे
मुझे विश्वास है तुम पे
अब क्या चाहिए जीने को
अब क्या चाहिए जीने को


आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

07:42am, Thu 06-06-2013

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