आज चली गई एक और बेटी
नाम उसका हे दामिनी
सारे अरमानो का गला गोट दिया
दामिनी ने तो अपना सब कुछ खो दिया
कितनी बेरहम थी उसकी मोत
सुनकर उसकी वो बाते आ जाये मोत
ना उसको इंसाफ मिला
मिल गई उसे तो मोत
आज हर बेटी घर से निकलने से डरती हे
आज हर बेटी अपनी जिन्दगी जीने से डरती हे
जो लगाम हो वो सब बेटी पे
बेटे जो करे वो सब सही हे धरती पे
ना करो इतना जुल्म-ए -इंसानों
ना करो पावन धरती माँ को गंधा
कभी कोख में तो कभी रोड पर फेकी जाती हे बेटिया
मत करो अब ये पाप
मत लो बेटी के श्राप
बेटी बचालो साथियो
बेटी बचालो साथियो
आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़
(Facebook,PoemOcean,Google+,Twitter,Udaipur Talents)
समय :- 02:36 PM
दिंनाक :-29/12/012
Poem Ocean | Twitter
नाम उसका हे दामिनी
सारे अरमानो का गला गोट दिया
दामिनी ने तो अपना सब कुछ खो दिया
कितनी बेरहम थी उसकी मोत
सुनकर उसकी वो बाते आ जाये मोत
ना उसको इंसाफ मिला
मिल गई उसे तो मोत
आज हर बेटी घर से निकलने से डरती हे
आज हर बेटी अपनी जिन्दगी जीने से डरती हे
जो लगाम हो वो सब बेटी पे
बेटे जो करे वो सब सही हे धरती पे
ना करो इतना जुल्म-ए -इंसानों
ना करो पावन धरती माँ को गंधा
कभी कोख में तो कभी रोड पर फेकी जाती हे बेटिया
मत करो अब ये पाप
मत लो बेटी के श्राप
बेटी बचालो साथियो
बेटी बचालो साथियो
आपका शुभचिंतक
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