मै फुटपाथ पे सोता हूँ  
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खुले आश्मान में सोता हूँ  
नीले गगन के तारे गिनता हूँ 
शोर गुल के इस मंजर में 
मै  सुकून से फुटपात पे सोता हूँ 
चिंता नही किसी कि मुझको
ऐसा जीवन में जीता हूँ
ऐसा जीवन में जीता हूँ
फटे पुराने कपडे मेरे 
फिर भी साफ़ दिल में रखता हूँ 
धूल मिट्टी सी जिंदगी मेरी 
फिर भी कई ख्वाब मै बुनता हूँ 
आश्मान के आघोष में 
मै धरती कि गोदी में सोता हूँ 
आँखों में हर दम आंशु मेरे
निंदो में सपने रखता हूँ 
देश बनते देखे है मेने 
क्योकि फुटपात पे मै सोता हूँ 
अभद्र सा देखे दुनियाँ मुझको
किसी के काम ना आता हूँ 
मै बेटा हूँ उस माँ का 
जिसने सब को पाल-पोसा हैं  
एक नजर देखो रे बन्दों 
मै फुटपात पे सोता हूँ 
मै फुटपात पे सोता हूँ 
आपका शुभचिंतक
लेखक -  राठौड़ साब "वैराग्य" 
06:58pm, Sat 05-10-2013
_▂▃▅▇█▓▒░ Don't Cry Feel More . . It's Only RATHORE . . . ░▒▓█▇▅▃▂_ 
 
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