Wednesday 15 October 2014

Inshan Rahne Do ( इंसान रहने दो ) POEM NO. 193 (Chandan Rathore)


POEM NO. 193
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इंसान रहने दो
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कहते है आज हम उन भष्ट नेताओं से
ना बनाओं हमें जालिम हमें इंसान रहने दो

करो ना अत्याचार हम गरीबों पे
बोल तो हम भी बहुत सकते है पर हमें मोन रहने दो

उठती लोह हमारे भी सीने में
जब भाव बढ़ जाते आसमान में
हमें ना बनाओं हैवान हमें किसान ही रहने दो

देख रहे सत्ता की बागडोर कैसे डग-मगा रही है
सभी पार्टी आज आम आदमी को खा रही है
नेता मत बनाओं हमें, हम इंसान है हमें इंसान रहने दो

महंगाई, अत्याचार, दुर्वव्हार सब हमारे लिए
राज करने वाले क्या जाने दो वक्त का खाना कैसे बनता है
अमीरी की चाहत नही है मन में पर कम से कम गरीब तो रहने दो

मत बनाओं हमें हैवान जो खाने के लिए
इस सभ्य समाज में आतंक फैलाये
हमें नही बनना कोई आतंकी बस हमें इंसान ही रहने दो


आपका शुभचिंतक
लेखक -  राठौड़ साब "वैराग्य" 

12:42 PM 03/02/2014
(#Rathoreorg20)
_▂▃▅▇█▓▒░ Don't Cry Feel More . . It's Only RATHORE . . . ░▒▓█▇▅▃▂

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