POEM NO. 223
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तुम कहा हो भाई
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तुम ना हो तुम्हारा अहसास है भाई
बिना किसी वजह बस हर अहसास है भाई
तुम्हारी छोटी सी परी नन्हें हाथों से राखी उठा कर कह रही
तुम कहा हो भाई
तुम ही मेरे रक्षक थे तुम ही मेरी हर सांस हो भाई
सुना सा लगता है बिन तुम्हारे जीना
आँखे ढूंढ थी है सपने और तुम ख्वाब हो भाई
रोती हूँ तुम्हारे लिए पुकारती हूँ तुम्हें
छोड़ चले तुम अपनी बहना को विरान इस दुनियाँ में
तुम ही मेरी धरा तुम्ही आसमान हो भाई
13 जून तुम्हारा जन्म दिवस है
मेरा जीवन तुम्हारे बिन व्यर्थ है
तुम ही मेरे ईश्वर तुम्हारे बगैर कुछ भी आस नही भाई
तोफे थे तुम मेरे लिए ईश्वर के
चीन कर मुझसे तुम्हें सजा दे दी मुझे
अब कौन मेरे पास है भाई
अब कौन मेरे पास है भाई
भाई मिस यु
अगले जन्म मेरे ही भाई तुम बनना
आज तुम्हें याद कर के रो रही है तेरी बहना
आपका शुभचिंतक
लेखक - राठौड़ साब "वैराग्य"
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7:39 PM 15/06/2014
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