POEM No. 132
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बेवक्त ना आया कर
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ऐ वक्त बेवक्त ना आया कर
मेरे गमो पर यु ना मुस्कुराया कर
मेरी मेहनत पे भरोसा है मुझको
तू अपना रोप ना दिखाया कर
जब थामना होता है तो तू चला जाता है
जब जाना होता है तो बैठ जाता है जम कर
खत्म कर दी जिन्दगी तुने
निकल गया तू किस धुन में
हर दम अपनी टिक टिक से
यु ना डराया कर
ऐ वक्त बेवक्त ना आया कर
मेरे गमो पे यु ना मुस्कुराया कर
भूल गया तू गम यहाँ रख कर
कब आएगा इन्हें लेने
ऐ वक्त इस भोली जान को इतना ना सताया कर
ऐ वक्त बेवक्त ना आया कर
आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)
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