POEM NO. 131
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बादल आया
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गुमड गुमड कर बादल आया
भर पानी का कटोरा आया
रिमझिम रिमझिम बिरखा आई
जैसे कई खुशिया संग लाई
देखो रे नंदू देखो रे चंदू
कितनी प्यारी है बरखा रानी
ठंडा ठंडा पानी आया
संग इसके सुनहरा मोसम लाया
देख पानी की बूंदों को
देखो में कितना मुश्कुराया
गुमड गुमड कर बादल आया
गुमड गुमड कर बादल आया
आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)
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