POEM No. 166
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मै ना रहू तो
मै ना रहू तो
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मै ना रहु इस जहाँ में तो
मेरी कमी महसूस करना
याद आये मेरी अगर तो जोर जोर से हँसना
मै रोते हुये चला आँउगा बस मुझे हँस के तुम बुलाना
तड़पो अगर मेरी आवाज सुनने को तो
शांत बैठ कर सारी आवाजों को महसूस करना
बिन सोचे में आऊंगा तेरे हर गम को ले जाऊँगा
बदले में तुझे ढेरों खुशिया दे जाऊँगा
में ना रहु इस जहाँ में तो
मेरा इंतजार जरूर करना
पढ़ने का मन करें मुझे
मेरी कविताओं के हर एक शब्द का आनन्द लेना
समेटना हो मुझे किसी में तो
मेरे हर रचना के आँशुओँ को समेटना
मै आऊंगा लोट कर किसी और शरीर में
बस मुझे हर चेहरे में देखना
मै ना रहु इस जहाँ में तो
मेरी कमी महसूस करना
आपका शुभचिंतक
8:18 PM 08/12/2013
लेखक - राठौड़ साब "वैराग्य"
8:18 PM 08/12/2013
_▂▃▅▇█▓▒░ Don't Cry Feel More . . It's Only RATHORE . . . ░▒▓█▇▅▃▂_
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