Sunday 24 August 2014

Bhed Mita Do (भेद मिटा दो) POEM No. 182 (Chandan Rathore)


POEM No. 182
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भेद मिटा दो
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जिन झुग्गी-झोपड़ियों में जो गरीब रहते है
उधर जाकर ये अमीर फोटो खिचवा के आते है
दान धर्म करके वो न्यूज़ मे आना चाहते है
दान करो पर नाम ना करो दान के नाम पर नाम करवा के आते है

हिम्मत हो एक घर को अपने घर सा पालो
उन गरीब बच्चों को अच्छे स्कूलों मे डालो

जिनके माँ बाप नही है उनको अपना वंश बनालो
बस गरीब अमीर का ये भेद मिटा लो

अपने साथ ना सही अपने जैसा खाना खिला दो
उन निराशावादियों के मन मे थोड़ी आशा जगा दो

दान धर्म करने का ऐसा छोटा सा बोझ उठा लो
फिर कही जाके उन छोटे-छोटे चेहरों की मुस्कान का फोटो खिचवालों

बस गरीब को आगे बढा दो
अमीर-गरीब का बाँध मिटा दो


आपका शुभचिंतक
लेखक -  राठौड़ साब "वैराग्य" 

03:24pm, Sun 12-01-2014  
(#Rathoreorg20)
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