POEM NO. 219
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महाराणा प्रताप
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वो महाराणा हो वो प्रताप हो
वो देश रा राजपूता रो मान हो
आन, बान, हिंदुत्व की शान हो
मेवाड़ रो वो प्रताप हो
लड़ियों गणो, वो सहियो गणो
वो हल्दीघाटी रो जिवंत प्राण हो
उदयपुर री गाथा में वीरता रो प्रमाण हो
राजपूता रे सम्मान रे खातिर लड़ियों वो राजपूता रो भगवान हो
वो महाराणा हो वो तो प्रताप हो
वो झुकियो नही, वो भाग्यो नही
वो तो रण में एक्लो ही तीर कमान हो
तलवार लागि भाला लागिया वो पुरो लहूलुहान हो
मेवाड़ मुकुट री लाज बचावण ने वो हर घर रो गुमान हो
गूँज रही चेतक रे पग्लिया री आवाज
हल्दीघाटी में हो रहियो हाहा कार आज
वो बलिदान रो बलिदान मेवाड़ी सरदार हो
गर्व है माने राजपूता रा बलिदाना रो
अब घर घर गूंजे प्रताप रो नारो
मेवाड़ धन्य है जो जन्म होयो यहाँ महाराणा प्रताप रो
बोल रही प्रताप री बोली याद करो थे प्रताप को
सत सत नमन मारो, महाराणा प्रताप को
हल्दीघाटी में हो रहियो हाहा कार आज
वो बलिदान रो बलिदान मेवाड़ी सरदार हो
गर्व है माने राजपूता रा बलिदाना रो
अब घर घर गूंजे प्रताप रो नारो
मेवाड़ धन्य है जो जन्म होयो यहाँ महाराणा प्रताप रो
बोल रही प्रताप री बोली याद करो थे प्रताप को
सत सत नमन मारो, महाराणा प्रताप को
आपका शुभचिंतक
लेखक - राठौड़ साब "वैराग्य"
(Facebook,Poem Ocean,Google+,Twitter,Udaipur Talents, Jagran Junction , You tube , Sound Cloud ,hindi sahitya,Poem Network)
5:51 PM 25/05/2014
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