Monday 5 January 2015

Mewad Ro Mukut (मेवाड़ रो मुकुट) POEM NO. 218 (Chandan Rathore)


POEM NO. 218
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मेवाड़ रो मुकुट
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कुम्भलगढ़ में जन्म लियो
उदय सिंह जीवत रो लाल कह लायो

शौर्य,पराक्रम, मान्धिन, गौरवशाली मानव वो कहलायो
शौर्य पुत्र प्रताप रो चेतक ने भी क्या खूब साथ निभायो

हल्दी घाठी  री गाथा भी अमर रही
सलीम ने घायल कर युद्ध सु भगायो

मेवाड़ रो मुकुट बचावण ने मन्ना जी भी प्रताप रो साथ निभायो
लहूलुहान प्रताप फिर भी रण में आपणो परचम लहरायो

मन्ना जी ने प्राण त्याग दियो
प्रताप ने घर त्याग दियो

वन में घास फुस रो रोटो खायो
अरावली री पहाड़िया मायने आपणो आवास बणायो

धर्म और समाज के खातिर सब त्याग दियो
उदयपुर बणी रजधानी प्रताप रे 24  वर्षा रा
शासन मायने मेवाड़ रो सदा नाम ऊचो रखायो

ऐसा वीर की महिमा जब कागज पर उतरी तो
वो उदय सिंह रो पुत्र महाराणा प्रताप कहलायो


आपका शुभचिंतक
लेखक -  राठौड़ साब "वैराग्य" 

5:00 PM 25/05/2014
(#Rathoreorg20)
_▂▃▅▇█▓▒░ Don't Cry Feel More . . It's Only RATHORE . . . ░▒▓█▇▅▃▂ 

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