Sunday 4 November 2012

भाई (Chandan Rathore)


हम भी  तेरे इश्क में पागल हे भाई
तेरे इश्क के सामने मेरा इश्क फिखा हे भाई
तू मेरी जान ये बताऊ केसे मेरे भाई
आज कुछ  लम्हे याद आये जो  तेरे साथ बिताये भाई
जिसने रखा चार  साल  तक खयाल वो तू हे भाई
आज  लिखते लिखते  आखों  से आशु आया रे भाई
तू सदा खुश रहे ये दुवा हे भाई


आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़
(Facebook,PoemOcean,Google+,Twitter,Udaipur Talents)

1:48pm
4/11/012

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