Saturday 13 July 2013

Tu Kabhi Mera Naa Hoga (तू कभी मेरा ना होगा ) Poem No. 109 (Chandan Rathore)


POEM No. 109
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तू कभी मेरा ना होगा
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तेरा यूँ  मुझे किसी मौड़ पे छोड़ के जाना
मेरी किस्मत को तेरे साथ ले जाना
हर दम भटकता हूँ  मंजिल को पाने को
अब बर्दाश नही होता तुझसे दूर हो जाना 

कह कह हारा मेरे अरमानों को
इतने पहाड़ ना बनाओ उसके लिए
दिल की गलिया सुनसान हो जाती है , जाने से तेरे
सब कुछ तो बोल दिया अब क्या जान दू , तेरे लिए

मुझे समझ  नही आता की तुझे  समझ क्यों नही आता
तू भी मजबुर है ये माना मेने
पर क्या तुझे मेरा  दर्द नजर नही आता

एक दिन ख़ुशी देता है फिर गम का सेलाब छोड़ जाता है
आँखों  से आँसू बहा कर उबासी  का बहाना बनाता है

सफ़र मेरा नहीं  ये सफ़र तेरा ही होगा
में कितनी भी कोशिश  कर लू तू कभी मेरा नही होगा


आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (Rathoreorg20)
7:14 PM 31/05/2013

_▂▃▅▇█▓▒░ Chandan Rathore (Official) ░▒▓█▇▅▃▂_

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