Tuesday 30 July 2013

Tera Pyar (तेरा प्यार) POEM No. 112 (Chandan Rathore)


Poem No. 112
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तेरा प्यार
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तेरे ख्वाबो के जरोखो में
हम खुद को निहारना भूल गये
तेरे परछाई को पाने के लिए अपनी  परछाई को भूल गये
तेरे ख्वाबो को पूरा करने में अपने ख्वाब कहा छुट गये

साथ था साथी सा
टूट गया एक पल में
भरोसा था खुले आसमान सा
कहा अँधेरा हो गया एक पल में

तेरी बातो में बस तुझे
और तेरे गमो में बस मुझे
देख देख कर जीता हूँ
तेरी छोटी सी बात को भी
में बड़ी सिद्दत्त  से  संजोता  हूँ

कुछ छुपाया तुझसे  तो वो मेरा जीवन था
सब बोल कर तुमने मेरा जीवन छीन लिया

ओए ! रोबो केसी ये प्यार की कशिश  तुम्हारी
अब केसे मिल पायेगी हंसी तुम्हारी

तुम्हे विश्वास  है मुझ पे
मुझे विश्वास है तुम पे
अब क्या चाहिए जीने को
अब क्या चाहिए जीने को


आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

07:42am, Thu 06-06-2013

_▂▃▅▇█▓▒░ Chandan Rathore (Official) ░▒▓█▇▅▃▂_

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