POEM NO. 136
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ठीक किया तूने
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छोड़ अकेला तू गई ठीक किया तूने
तुझे भुलाने में जो साथ दिया ठीक किया तूने
बर्दाद हो जाता मै तेरे प्यार में
मेरी जिंदगी से जाके ठीक किया तूने
अकेला तो में पहले भी था आज भी हूँ
कोई एतराज नही मुझे तेरे जाने से
हां कभी सताती है यादें बहुत तेरी
मै ना रोता कभी किसी के लिए रुला कर ठीक किया तूने
याद है वो छोड़ी सी बात पे लड़ाई कर लेना
मुझसे दूर जाकर मुझे पल पल सताना
अब तो हॅसा भी नही जाता पता है
में बर्बाद कहानी हूँ यूँ ठुकराकर ठीक किया तूने
आँखे बार बार पूछती है तुम कहाँ हो
लफ्जों से नाम नहीं जाता तुम्हारा हम क्या करें
दिल चिल्ला चिल्ला कर कहता है तेरा प्यार नहीं मिला
मै तो खोई हुई निशानी हूँ यूँ भुला कर ठीक किया तूने
आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)
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