POEM NO. 137
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रख बाजुओं  में दम 
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रख बाजुओं  में दम 
तू नही किसी से कम
तू नही किसी से कम
बनो कर्मठ बनो कर्मठ 
सफ़र तेरा काम तेरा 
हम देंगे  साथ तेरा 
बस बनो कर्मठ 
काम तुम्हारा साथ तुम्हारा 
हिल मिल आगे बढ़ जायेंगे 
अभी भोर है अपनी कल का सूरज कहलायेंगे 
बस बनो कर्मठ बनो कर्मठ 
तेरा होसला होगा ना कम 
हर दम तेरे साथ रहेंगे हम 
बस बनो कर्मठ बनो कर्मठ  
लक्ष हो निगाहों में
आगे बढ़ने का जूनून हो
एक बार ठान लिया तो पीछे ना हटना कभी
एक बार ठान लिया तो पीछे ना हटना कभी
ऐसा आज्ञाकारी तुम्हारा खून हो 
बस बनो कर्मठ बनो कर्मठ 
 आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

 
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