Sunday 23 June 2013

Ek Itafaak achcha Laga (एक इत्फाक अच्छा लगा) Poem No. 106 (Chandan Rathore)

Poem No. 106
एक इत्फाक अच्छा  लगा

आज इत्फाक से उन्हें देखा अच्छा लगा
आज सुकून  से उनकी आँखों  में डूबा अच्छा लगा

छु के वो मेरे मन के   दामन को भिगो  गये
पर आज कई दिनों बाद  जब  चाँद  को देखा तो अच्छा लगा

आप की कोमल सी पंखुडियो ने जब नाम इस दीवाने का लिया
उस परवर दीदार की कसम आज अच्छा  लगा

आ कर तुम्हारे पास तुम्हे  यु निहारते निहारते
भरी दोपहरी में आज यु  सावन का आना अच्छा लगा

इस प्यार की बारिश में हम दोनों का खोना
यु आप से गले लग कर जोर जोर से रोना
इत्फाक उस वक्त का देखिये क्या गजब था
छीन ली साँसे मेरी जब शरीर उनकी गोदी में था
यु  मेरा दुनिया  छोड़ना  अच्छा लगा

आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़

07:35pm, Sat 25-05-2013

_▂▃▅▇█▓▒░ Chandan Rathore (Official) ░▒▓█▇▅▃▂_

No comments:

Post a Comment

आप के विचारो का स्वागत हें ..