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 देख नजर तू  ताक नजर 
मंजिल है  तेरे कदमो में 
निकल पड़ा है राही तू 
अब राही तू रुकना ना 
॥ १ ॥ 
हर पथ पे कांटे है 
हर अवसर सब में बाटे है 
राही हो ना निराश
राही तू पीछे हटना ना 
राही तू अब रुकना ना 
॥ २   ॥ 
चल चला चल कही रुक ना जाना 
हर राह भरी है कठिनाइयों से 
मंजिल एक दिन जरुर मिलेगी 
कही रुक ना इन राहो पे 
राही तू रुकना ना 
॥ ३ ॥ 
कही हो जाए निराश तो घबराना ना 
कही असमंजस में हो तो पछताना ना 
मंजिल तुझसे  क्या दूर होगी 
जो खुद किसी की मंजिल है 
राही बेवजा किसी से टकराना ना 
राही तू रुकना ना 
॥ ४ ॥ 
रुक ना जाना राही 
जरुर मिलेगी तुझे मंजिल 
काबिल है तू साहसी है तू 
बस खुद को पहचान ओ राही 
तू बना सकता है सब कुछ 
राही बस आगे बढ़ते जा 
राही तू रुकना ना 
॥ ५ ॥ 
पूरा पढने के लिए इ-मेल करे - rathoreorg20@gmail.com 
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