POEM NO. 211
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मेरी कहानी मेरी जुबानी भाग 3
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लिखते लिखिते जिंदगी और आगे बढ़ी
दुनियाँ से मुझे और ठोकरे खानी पड़ी
लिख लिख कर बयां करता रहा अपने अरमानों को
सुना सुना कर बताता रहा अपने जख्म में दुनियाँ को
पर अभी भी मंजिल बहुत दूर थी
धीरे धीरे कविताएँ आगे बढ़ती रही
काव्य सुमन, मौत-ऐ-कहानी
लिख कर सुना दी अपनी कहानी
कविताओं का शतक पूरा हुआ
अभी मुकाम से मेरा सामना ना हुआ
और एक नौकरी आई उसने मेरी अभी की आजीविका चलाई
कुछ होता नही था उन पेसो से फिर भी मेने उसे अपनाई
कभी पूरा महीना बिस्किट से निकल जाता तो कभी भूखा ही सो जाता
हर गम को ख़ुशी से जिया, हिम्मत ना होती तो कभी का मर जाता
कई दोस्त और इस राश्ते मिले जिन्होंने मुझे संभाला
मेरे अपनों ने मुझे मौत-ऐ-कहानी का भाग 2 लिखवा डाला
बहुत चर्चित भी थी, बहुत दुखद भी थी ये जिंदगानी
धीरे धीरे लेखकों का साथ हुआ, कुछ सीखा और सुन्दर हुई लेखनी
डेढ़ सो से दो सो हुई कविताएँ अब मेरी
कई गाने लिखे कई फ़साने लिखे सब याद थी मेरी
मुकाम ना हुआ हासिल मेरे शब्दों को
नया रूप दिया, नई गहराई भरी
फिर भी अकेला पण सताता है
सब से अलग रहने को जी चाहता है
जीवन बहुत कुछ सिखा रहा था
आता जाता हर शक्श मुझे समझा रहा था
पर मेरे सपने बहुत ही उच्य कोटि के थे
उन्हें पूरा करने के लिए मै सब दम लगा रहा था
पता नही कहा ले जायेगी ये कहानी मेरी
और कितनी बाकी है दुःख भरी जिंदगानी मेरी
एक दिन वो अलग हो गया जिसे रूह माना था
ऎसे रास्ते पे अलग हुआ जो पता नही कहा जाता था
आज भी कोशिश जारी है
दुनिया से निपटने की
बड़ी सिद्दतों से तमन्ना है
रो रो कर जज्जबात बताने की
कभी कई मुकाम आ जाते सामने
कभी मुकाम चुनना कठिन हो जाता
समाज सेवा का मन किया NGO की सोच मन में आई
पर पता नही क्यों यहाँ किसी के मन को ना भाई
कहानी फिर अधूरी रह गई
आगे फिर कभी सुनाऊंगा
आज से और ऊपर या पता नही निचे गिर जाऊँगा
पर हां मेरी कहानी मेरी जुबानी (भाग 4) आप को जरूर बताऊंगा
आपका शुभचिंतक
लेखक - राठौड़ साब "वैराग्य"
(Facebook,Poem Ocean,Google+,Twitter,Udaipur Talents, Jagran Junction , You tube , Sound Cloud ,hindi sahitya,Poem Network)
11:32 AM 21/04/2014
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