POEM NO. 205
-----------
रजपूता रो मान कटे
---------------
रजपूता रो मान कटे है
वो जाति रो सम्मान कटे है
अंग्रेजी सरकार नोच लिया रजपूता ने
वो गढ़,ठिकाना रो मान कटे है
राजा वेता महल वेतो
वो तिलक, साफा और तलवार रो
महत्त्व वेतो
तलवार अब चाक़ू वेगी
साफा अब टोपी वेग्या
वा रजपूता री शान कटे
---------------
रजपूता रो मान कटे है
वो जाति रो सम्मान कटे है
अंग्रेजी सरकार नोच लिया रजपूता ने
वो गढ़,ठिकाना रो मान कटे है
राजा वेता महल वेतो
वो तिलक, साफा और तलवार रो
महत्त्व वेतो
तलवार अब चाक़ू वेगी
साफा अब टोपी वेग्या
वा रजपूता री शान कटे
रजपूता रे राज लिखियों हो
आज तो सब रे काज लिखियों है
कटे तो रजपूता री अपार शान है
पर बिछड़िया रजपूता रो मान कटे
आज तो सब रे काज लिखियों है
कटे तो रजपूता री अपार शान है
पर बिछड़िया रजपूता रो मान कटे
आज दौड़ रिया है अंग्रेजा रा पहनावा में
राजस्थान रा लहरिया रो अब मान कटे
थोड़ा हमझो अपनी शान, अपनी पहचान ने
अपना रीति-रिवाज ने, अपना पहनावा ने
अरे!! आपणी राजस्थानी बोली रो आज सम्मान कटे
राजस्थान रा लहरिया रो अब मान कटे
थोड़ा हमझो अपनी शान, अपनी पहचान ने
अपना रीति-रिवाज ने, अपना पहनावा ने
अरे!! आपणी राजस्थानी बोली रो आज सम्मान कटे
धड़ कटायो राजपुताना रो मान बधायो (हाड़ी रानी)
राजपुताना ख़ातिर घास-फुस रो रोटो खायो (महाराणा प्रताप)
आज मोबाईल संगी साखी वेग्या
SMS रा जमाना माईने कई लोग दीवाना वेग्या
अरे !! राजपुताना री भाषा रो वो सम्मान कटे
राजपुताना ख़ातिर घास-फुस रो रोटो खायो (महाराणा प्रताप)
आज मोबाईल संगी साखी वेग्या
SMS रा जमाना माईने कई लोग दीवाना वेग्या
अरे !! राजपुताना री भाषा रो वो सम्मान कटे
नई विचित्र साड़ियाँ आगी
वो रजवाड़ी बेस रो श्रृंगार कटे है
राजपुताना ख़ातिर कई वीर
लड़ता-लड़ता अंग्रेजा सु अमर वेगया
नई पीढ़ी री बात कई करू
वो तो होता ही अंग्रेज वेग्या
वो रजवाड़ी बेस रो श्रृंगार कटे है
राजपुताना ख़ातिर कई वीर
लड़ता-लड़ता अंग्रेजा सु अमर वेगया
नई पीढ़ी री बात कई करू
वो तो होता ही अंग्रेज वेग्या
देश घुमलो, प्रदेश घुमलो
पर राजस्थान री बोली ने थे मत भूलों
अरे !! जि धुला में थे खेळिया हां
वो धुलो भी अटे रो सम्मान जनक है
थे आगे आओ सब ने आगे लाओ
अरे !! मारे राजपुताना रो मान अटे है
पर राजस्थान री बोली ने थे मत भूलों
अरे !! जि धुला में थे खेळिया हां
वो धुलो भी अटे रो सम्मान जनक है
थे आगे आओ सब ने आगे लाओ
अरे !! मारे राजपुताना रो मान अटे है
रजपूता रो मान कटे है
अरे!! आपणी राजस्थानी बोली रो आज सम्मान कटे
अरे!! आपणी राजस्थानी बोली रो आज सम्मान कटे
जय राजस्थान
जय राजपुताना
जय राजपुताना
आपका शुभचिंतक
लेखक - राठौड़ साब "वैराग्य"
(Facebook,Poem Ocean,Google+,Twitter,Udaipur Talents, Jagran Junction , You tube , Sound Cloud ,hindi sahitya,Poem Network)
01:03pm, Tue 01-04-2014
(#Rathoreorg20)
_▂▃▅▇█▓▒░ Don't Cry Feel More . . It's Only RATHORE . . . ░▒▓█▇▅▃▂
No comments:
Post a Comment
आप के विचारो का स्वागत हें ..