Poem No.69
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होली आई रे भाई
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रंगो की लहर उठी
बच्चो में नै उमंग जगी
खुशियो की एक टोली आई
होली आई भाई होली आई
बच्चो में नै उमंग जगी
खुशियो की एक टोली आई
होली आई भाई होली आई
इस को रंगो रे भाई उसको रंगो रे भाई
ऐसा करती एक नटखट टोली आई
ऐसा करती एक नटखट टोली आई
कोई रंगा है रंगों की बहार में
कोई रंगा है दोस्तों के प्यार में
दुश्मनों में प्यार बढ़ाती होली आई
होली आई भाई होली आई
कोई रंगा है दोस्तों के प्यार में
दुश्मनों में प्यार बढ़ाती होली आई
होली आई भाई होली आई
सब को खुश करती
सब के जीवन में रंग है भरती
सुने आँगन को रंगीन वो करती
कैसी ये होली कितनी प्यारी ये नवरंगी होली
सब के जीवन में रंग है भरती
सुने आँगन को रंगीन वो करती
कैसी ये होली कितनी प्यारी ये नवरंगी होली
होली आई भाई होली आई
ढोल की थाप नये नये वो भात
होली सब और खुशहाली लाई
होली आई रे भाई होली आई
"सब को ख़ुशी दो जैसे त्यौहार देते है
हर चहरे पे मुश्कान दो ऐसा सब कहते है
होली, दिवाली तो त्यौहार है मना लेते है
असल बात तो ये है की वो दो दुश्मन को भी मिला देते है"
हर चहरे पे मुश्कान दो ऐसा सब कहते है
होली, दिवाली तो त्यौहार है मना लेते है
असल बात तो ये है की वो दो दुश्मन को भी मिला देते है"
आप का जीवन रंगों जैसे हमेशा खिल खिलता रहे
हैप्पी होली
आपका शुभचिंतक
लेखक - राठौड़ साब "वैराग्य"
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08:27am, Mon 11-03-2013
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