POEM No. 126
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आँशु
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मेरे आँशु मेरे साथी है 
हर वक्त मेरा साथ देते है 
तड़प कर निकल आते है 
जब ये दुनिया वाले मेरे दिल को दर्द देते है
दुसरो  की ख़ुशी हो या थोड़ी सी मेरी ख़ुशी 
मेरे आंसू हर पल ख़ुशी मनाते है 
किसी का दुःख हो अपने ढेरो गम 
वो बिखर बिखर के  साथ निभाते है 
आंसुओ ने ही अब तक संभाला मुझे 
बिन आँशु जीवन कट  ना पाता ये 
आशुओ  के बादल जब मंडराते  है 
मै  टूट के गिर जाता हूँ जब ये आते है 
ऐ !  आँशु  साथ निभाना मेरा 
जब तक हो खुशियों को बसेरा 
दूर हो जाना गम के आते ही 
ढूंड लेना तू नया बसेरा 
आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

 
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