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उठ जा ना अब तो . .
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मन में बस तू छाई रही
दिल में बस तू समाई रही
हो गया मदहोश तेरी यादों में
बस अब क्यों अनजान होय रही
पुकारता रहता हूँ तुझे
हर गम को बांटता हूँ तुझसे
आजा ना वापस मेरे जीवन में
ऐ ! तू आज भी क्यों है सोई रही
देख मै मिलने आया तुझसे
कसम से अब ना सताऊंगा तुझे
उठ जरा देखले मै तेरा चार्ली
आज खडा हूँ तेरी कब्र पे
देख मेरी आँखे रोई रही
मै कमजोर मै पापी
पर तेरी दोस्ती का मै अभिलाषी
मुझे बनाने वाली आज खुद ख़त्म होगी
ऐ ! खुदा ये कौन सी गाड़ी दिखा दी
मेने तेरी कदर ना जानी
माना मै हूँ अभिमानी
मज़बूरी मेरी भी कुछ होगी
समझ ना उठ जा
वरना ख़त्म कर देनी ये जिंदगानी
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मन में बस तू छाई रही
दिल में बस तू समाई रही
हो गया मदहोश तेरी यादों में
बस अब क्यों अनजान होय रही
पुकारता रहता हूँ तुझे
हर गम को बांटता हूँ तुझसे
आजा ना वापस मेरे जीवन में
ऐ ! तू आज भी क्यों है सोई रही
देख मै मिलने आया तुझसे
कसम से अब ना सताऊंगा तुझे
उठ जरा देखले मै तेरा चार्ली
आज खडा हूँ तेरी कब्र पे
देख मेरी आँखे रोई रही
मै कमजोर मै पापी
पर तेरी दोस्ती का मै अभिलाषी
मुझे बनाने वाली आज खुद ख़त्म होगी
ऐ ! खुदा ये कौन सी गाड़ी दिखा दी
मेने तेरी कदर ना जानी
माना मै हूँ अभिमानी
मज़बूरी मेरी भी कुछ होगी
समझ ना उठ जा
वरना ख़त्म कर देनी ये जिंदगानी
आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)
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