Tuesday 24 December 2013

Kab Kahogi ( कब कहोगी . . . ) POEM No. 146 (Chandan Rathore)


POEM No. 146
-------------
कब कहोगी  . . . 
------------
मन गडत ये कहानी होगी 
मिलने कि मेरी वो चाहत होगी 
मै तुझे देख कर रो पडू
ऐसी भी कोई मिलने कि घडी होगी

"मुझे भी प्यार है  तुम से" काश !!!!
एक बार तुम कभी प्यार से कहोगी 
तुझे देख ये रात, दिन बन जायें 
ऐसी रात इस जन्म में जाने कब होगी 

दुःखों के सायें में बैठा रहता हूँ 
जाने कब यहाँ प्यार कि धुप खिलेंगी 
हर विचार में ,हर अधिकार में हो तुम 
"मै हूँ तुम्हारी बस" इतना सा कब कहोगी 

सहा  ना जाता है पगली अब 
हर दर्द का दर्द आग सा लगता है
तुम्हें देख अब संभला जाता नही 
"तुम ठीक तो हो ना ?" ऐसा कब पूछोगी 


आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

12:34 AM 11/09/2013

_▂▃▅▇█▓▒░ Don't Cry Feel More . . It's Only RATHORE . . . ░▒▓█▇▅▃▂_

No comments:

Post a Comment

आप के विचारो का स्वागत हें ..