Saturday 28 December 2013

Esa Kyo Banaya Tumne (ऐसा क्यों बनाया तुमने) POEM No. 147 (Chandan Rathore)


POEM NO. 147
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ऐसा क्यों बनाया तुमने 
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तुम्हारी आँखों में नमी थी आज भी 
पर अधिकार ना जताया था तुमने 
देख कर मुझे दुखी तो हो तुम भी 
फिर बोलो मुझे ऐसा  क्यों  बनाया तुमने 

चला गया ना मै तुम्हारे जीवन से 
पर गया नही हूँ आज भी दूर तुम से 
अरे!!! देखता तो आज भी नही तुमको 
आज भी तुम्हारी याद जाती नही दिल से 

देख कर तुम्हारी शरारतें  दिल सहम सा जाता है 
मै ठहर जाता हूँ तुम पे और वक्त कही खो जाता है  
जहर पिलादो पर ये रोज का दर्द नही सहा जाता है 
विचारों का अंत नही होता और मेरे ख्वाबों का अंत हो जाता है 

भुलाना चाहा पर तू हर बार याद आ जाता है 
बात ना करता हूँ तुझसे पर तू ख्वाब में आ जाता है 
ख़त्म हो  गया राठौड़ अब तो देख रही हो तुम भी 
दिन कट जाता है हँसते हँसते, कट रही राते रोते रोते 

दुखी ना होना ये पढ़ कर 
पर जो दिया बस तुमने ही दिया 
बोलो क्यों ऐसा बनाया तुमने 
बोलो क्यों ऐसा बनाया तुमने



आपका शुभचिंतक
लेखक - चन्दन राठौड़ (#Rathoreorg20)

12:48 AM 11/09/2013

_▂▃▅▇█▓▒░ Don't Cry Feel More . . It's Only RATHORE . . . ░▒▓█▇▅▃▂_

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