POEM No. 186
-----------लोट आ माँ
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जब पुकारा मेने भगवान को, तो होती सामने माँ
दर्द में जब रो रहा होता हूँ तो, सहला रही होती है माँ
दूर जा कर तुझसे खोया रहता हूँ
कोई ना दिखता मुझे पास तो, तू होती साथ माँ
आँशु की हर किलकारी तुझे पुकारे
बिन मंदिर के भगवान है माँ
आज यादों में तुम हो मेरे
आज अपनी गोदी में सोने दो ना माँ
खो गया रास्ता, ख़त्म हुआ सब से वास्ता
अब हर पल हर गड़ी याद आती हो माँ
माँ माँ पुकार रही है साँसे
छूट ना जाए ये प्राण अब तू जल्दी आ माँ
मै खो गया इस दुनिया की भीड़ में
अब तेरे सिवा कोई रास्ता ना बचा
अब तू ही मुझे बता क्या करू मै माँ
रूठ के गई मुझसे तू अब लोट कर आ ना
रोते रोते तुझे पुकार रहा है तेरा बेटा माँ
आपका शुभचिंतक
लेखक - राठौड़ साब "वैराग्य"
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07:07pm, Thu 30-01-2014
(#Rathoreorg20)
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