POEM NO. 11
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आज उदास हु में
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आज मन्न उदास हे पता नही क्यों ये मन्न उदास हे
क्या में दोसी हु जो में उनकी केयर करता हु
या वो दोसी हे जो हमें अपना नही समझते
दिल दुखता हे जब उनकी हर एक बात याद आती हे
अच्छे से अच्छा लम्हा भी फिखा लगने लगता हे
जब वो उस लम्हे में साथ नही होते
पर कुछ बाते होती हे जो
वो हमें या हम उन्हें समझा ना पाए
दोस्तों जब भी किसी को अपना बनाओ 100% लगा देना अपना
फिर भी वो अपने ना हुए तो भगवान को ये तो कहेगे की
गलत हम नही वो थे
आपका शुभचिंतक
लेखक - राठौड़ साब "वैराग्य"
समय -: 10:30 pm
दिंनाक:-25-10-012
_▂▃▅▇█▓▒░ Don't Cry Feel More . . It's Only RATHORE . . . ░▒▓█▇▅▃▂
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