POEM No.86
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तेरा गम . . .
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ढूंढ़ रहा में भी एक सच्चाई . . .
मिली नही आज तक मुझ में किसी को अच्छाई . . .
छोड़ जाती वीरानियों मैं साथ मेरी अपनी परछाई . . .
कोई तो आगे आये और थामले मेरी कलाई . . .
दे कर मुझे दुःख वो नासमझ बहुत इठलाई . . .
पर उसे भी बहुत सतायेंगी मेरी जुदाई . . .
हर बात मैं समझाता रहा दुनिया को . . .
पर मुझे एक बात भी किसी ने ना समझाई . . .
ढूंढ़ रहा मेरे दुखों की सच्चाई . . .
प्यार में तो होती रहती हैं सब की लड़ाई . . .
फिर क्यों तुमने उसे मगरूर होके निभाई . . .
कोन बुरा नहीं हैं जग में , मुझ मे भी है बहुत बुराई. . .
पर उसकी सजा इतनी तो नहीं, कि हो जाए जिन्दगी भर की जुदाई . . .
"दे कर मुझें गम हमेशा खुश रहना तुम . . .
क्यों की तुम्हे रोना बहुत पड़ेगा जब होगी मेरी दुनिया से विदाई . . ."
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तेरा गम . . .
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ढूंढ़ रहा में भी एक सच्चाई . . .
मिली नही आज तक मुझ में किसी को अच्छाई . . .
छोड़ जाती वीरानियों मैं साथ मेरी अपनी परछाई . . .
कोई तो आगे आये और थामले मेरी कलाई . . .
दे कर मुझे दुःख वो नासमझ बहुत इठलाई . . .
पर उसे भी बहुत सतायेंगी मेरी जुदाई . . .
हर बात मैं समझाता रहा दुनिया को . . .
पर मुझे एक बात भी किसी ने ना समझाई . . .
ढूंढ़ रहा मेरे दुखों की सच्चाई . . .
प्यार में तो होती रहती हैं सब की लड़ाई . . .
फिर क्यों तुमने उसे मगरूर होके निभाई . . .
कोन बुरा नहीं हैं जग में , मुझ मे भी है बहुत बुराई. . .
पर उसकी सजा इतनी तो नहीं, कि हो जाए जिन्दगी भर की जुदाई . . .
"दे कर मुझें गम हमेशा खुश रहना तुम . . .
क्यों की तुम्हे रोना बहुत पड़ेगा जब होगी मेरी दुनिया से विदाई . . ."
आपका शुभचिंतक
4:03 PM 19/04/2013
लेखक - राठौड़ साब "वैराग्य"
(Facebook,Poem Ocean,Google+,Twitter,Udaipur Talents, Jagran Junction , You tube , Sound Cloud ,hindi sahitya,Poem Network)
4:03 PM 19/04/2013
(#Rathoreorg20)
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