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मैं सौ रही हूँ . . .
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मैं रो रहा हूँ, वो सौ रही हैं
मैं कुछ कह रहा हूँ और वो सौ रही हैं
हम अपनी दर्दे-दास्ताँ कब सुनाये
थोडा कुछ कहने लगे तो वो बोले "मैं सौ रही हूँ. . ."
आज मैं बैठा हूँ वो सौ रही हैं
इतना भर चूका हूँ मैं की
अब जी करता हैं मैं भी सौ ही जाऊं
वो सौ रही हैं मैं आज तड़प रहा हूँ
वो कह कर चली गई मुझे "मैं सौ रही हूँ. . ."
सौ जाओ तुम्हारी नींद में कोई विघ्न ना हो
आज जी भर सौ लो फिर पता नहीं कल नींद नसीब ना हो
हम सोते नहीं क्योंकि तुम्हारे साथ ज्यादा वक्त बिता सकें
पता नहीं आज हम हैं कल हम ही ना हो
जाने कैसे सौ जाता हैं ये समां
यहाँ तो बुझती नहीं कोई समां
पूरी रात एक शख्स पे खत्म कर देते हम
वो तो बस कुछ देर साथ चलते हैं और
"मैं सौ रही हूँ. . ." कह कर दे जाते हैं ढेरो गम
"मैं सौ रही हूँ. . ." सौ जाओ रोबोट
कभी मैं भी सौ जाऊंगा
तुम कितना भी उठाओंगे
पर मैं कभी ना उठ पाउँगा
"सौ ना पाऊं कुछ सोच ना पाऊं
दिल के अकेलेपन से कैसे निजात मैं पाऊं
माना तुम मेरे हाथों की लकीरों में नहीं हो
पर ये बात मैं अपने पागल दिल को कैसे समझाऊ"
आपका शुभचिंतक
लेखक - राठौड़ साब "वैराग्य"
(Facebook,Poem Ocean,Google+,Twitter,Udaipur Talents, Jagran Junction , You tube , Sound Cloud ,hindi sahitya,Poem Network)
04:20 AM 20/04/2013
(#Rathoreorg20)
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_▂▃▅▇█▓▒░ Don't Cry Feel More . . It's Only RATHORE . . . ░▒▓█▇▅▃▂
In English
Poem No. 87
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I m sleeping . . .
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I m cry she is sleeping
I telling something and she is sleeping
When I tell u my sad movement
I start telling she said “I m sleeping”
Today I seat she is sleeping
How much pain fills my heart
Now I also as sleep
She is sleeping today but I m not wall
She is gone after telling me I m sleeping
Ok you going to sleep I don’t disturb you
Today let you sleep; I don’t know tomorrow you want but can’t sleep
I don’t take a sleep because I spend whole time with you
I don’t know today I m here but I m not here tomorrow
How sleep this night
Here not off light whole night
I finish my Whole night only one person
They are spend only some movement with me
“I m sleeping” tell me then she gift me more pain
“I m sleeping” good night robot
One day I m also sleeps
How you get up me
I never get up because I m die .. .
“I can’t sleep, I can’t some think
My heart is alone how leave my pain
Let I think you not in my life
But my mad heart can’t understand”
आपका शुभचिंतक
04:20 AM 20/04/2013
लेखक - राठौड़ साब "वैराग्य"
(Facebook,Poem Ocean,Google+,Twitter,Udaipur Talents, Jagran Junction , You tube , Sound Cloud ,hindi sahitya,Poem Network)
04:20 AM 20/04/2013
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